
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत पहुंच चुके हैं और उनके दौरे का आज दूसरा दिन है। गुरुवार शाम लगभग 6:45 बजे जैसे ही पुतिन का विमान दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतरा, PM मोदी ने हाथ मिलाकर और गले लगाकर उनका जोरदार स्वागत किया।
वेलकम इतना गर्मजोशी भरा था कि फोटो देखकर लगता है—दो पुराने दोस्त फिर मिल गए!
इसके बाद दोनों एक ही कार से PM मोदी के आवास पहुंचे और डिनर पर लंबी बातचीत हुई। डिनर के बाद PM मोदी ने पुतिन को एक बेहद खास गिफ्ट दिया— रूसी भाषा में भगवद्गीता की प्रति।
मोदी का कहना है, “गीता की शिक्षाएँ दुनिया को प्रेरणा देती हैं।” और पुतिन भी मुस्कुराते दिखे।
आज दिनभर पुतिन का शेड्यूल (5 दिसंबर 2025)
आज राष्ट्रपति पुतिन को औपचारिक स्वागत दिया जाएगा और दिनभर के कार्यक्रम काफी व्यस्त हैं।
11 बजे — राष्ट्रपति भवन
गार्ड ऑफ ऑनर मिलेगा, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात।
इसके बाद — राजघाट
महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि।
हैदराबाद हाउस — 23वां भारत-रूस शिखर सम्मेलन
यहां PM मोदी और पुतिन की हाई-लेवल मीटिंग होगी।
मुख्य फोकस:
- रक्षा
- ऊर्जा
- व्यापार
- टेक्नोलॉजी
- S-400, Su-57, RELOS Military Logistics Pact की संभावना
फिर — FICCI कार्यक्रम
India–Russia बिजनेस रिश्तों को और गहरा करने पर चर्चा।
शाम — राष्ट्रपति भवन में स्टेट डिनर
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से भव्य रात्रिभोज।

और फिर — वापसी
लगभग 30 घंटे की यात्रा पूरी कर पुतिन भारत से रवाना होंगे।
दिल्ली ट्रैफिक अलर्ट — आज सड़कों पर महाभारत!
पुतिन के दिल्ली में मूवमेंट के कारण कई रूट डायवर्ट हैं। ITO, दिल्ली गेट, नेटाजी सुभाष मार्ग, निषाद राज मार्ग, प्रगति मैदान सुरंग, MG मार्ग—इनसे बचना बेहतर है।
सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक लोगों को वैकल्पिक रास्ते लेने की सलाह दी गई है। पार्किंग भी सिर्फ निर्धारित जगहों पर ही होगी। जो लोग नियम तोड़ेंगे—टो ट्रक तैयार हैं!
PM Modi का ट्वीट — “मित्र पुतिन का स्वागत कर खुशी हुई।”
पुतिन के भारत पहुंचते ही PM मोदी ने ट्वीट किया: “भारत-रूस मित्रता समय की कसौटी पर खरी उतरी है।”
ट्वीट में गर्मजोशी दिखी — और सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा।
पुतिन के लिए मोदी का गिफ्ट — Russian Gita Edition
मोदी ने पुतिन को रूसी भाषा वाली भगवद्गीता भेंट की। सोशल मीडिया पर फोटो वायरल हुई और कई यूज़र्स ने लिखा— “दोस्त दोस्त ना रहा… अब तो आध्यात्मिक रिश्ता हो गया।”
भारत-रूस रिश्तों पर ग्लोबल ओपिनियन
BRICS+ Analytics के फाउंडर यारोस्लाव लिसोवोलिक का कहना है कि अभी फोकस BRICS करेंसी नहीं, बल्कि नेशनल करंसी में ट्रेड बढ़ाने पर होना चाहिए। भारत BRICS अध्यक्षता (2026) में इसे आगे बढ़ा सकता है।
कैलिफोर्निया में F-16 क्रैश—आसमान में आग का गोला, पायलट सुरक्षित
